स्पृहयति भुजयोरन्तरमायतकरवालकररुह विदीर्णम् ।
विजयश्रीवराणां व्युत्पन्न प्रौढवनितेव ॥ ३४६ ||
346 { N } . Om . ‡ n A CJ1 S BORI 326. -- 4 ) B1 F -विदीर्णा ; It -विकीर्णा ;
J2.3 विदीर्णा . ● ) F1.3 J2 विजयश्री . d * ) Eo . 3 व्युत्पन्ना ; J2 वृक्षं न ( for व्युत्पन्न ) .
J3 उत्पन्नवनिताविव .
BIS . 7251 ( 5327 ) Bhartr . ed . Bohl . extra 18. Haeb . 2.97 . Satakāv . 92 ;
SR.B. p . 78.5 .