यन्त्रागा मदभिन्नगण्डकरटास्तिष्ठन्ति निद्रालसा
द्वारे हेमविभूषणाश्च तुरगा वल्गन्ति यदर्पिता : ।
वीणावेणुमृदङ्गशङ्खपट हैः सुतस्तु यहोयते
तत्सर्व सुरलोकदेवसदृशं धर्मस्य बिस्फूर्जितम् ॥ १५ ॥
XV . ( a ) भिन्नगण्ड ; वारिभिन्न ° P. R. ( b ) हेम ; स्वर्ण ; P. R. ० षणा ० , ० षि
ता ° P. B. Bo.n. ( orig . Bo . ) बल्ग ° ; हेम ° Bo.n. ( L. ) ऋष ° Bo.n. ( K. )
( orig . Bo . ) ( 0 ) ० है :; ° णवैः P. R. Bo.n. ( orig . Bo . ) ° स्तु ; ० श्च Bo.ne
( orig . Bo . ) ( d ) देव ; सिद्धि . T. R. राज्य . Bo.n. ( orig . Bo . ) .