मातर्लक्ष्मि भजस्व कञ्चित्मा स्म भू .
भोगेभ्य : स्पृहयालवो न हि वयं का निस्पृहाणामसि |
सद्यः स्यूतपलाशपत्रपुटिकापात्रे पवित्रीकृते
भिक्षासक्तुभिरेव सम्प्रति वयं वृतिं समीहामहे ॥ ६४ ॥
LXIV . ( a ) क ° ; कि . ०. A. ( b ) ° भ्य :; ° षु . A. N. ° वो न हि वयं का ; ० व .
स्तव वशे किम् , A. N. Bo.n. P. R. ( in which fonr का for किम् ) ( c )
सद्यः ; यद्य ° . A. स्यू ° ; पू ° C . ° ° T. T. ° टिका ; ° ° टके ° . T. Bo.n.
त्रे ; : A. ° जे ; तैः N. सक्त ° ; वस्तु ° N.
St. LXIV . - For भोगेभ्य : see Siddh , Kaum . I. , 277. का निस्पृहाणाम .
सि = what are you to men indifferent [ i . e . to worldly pleasures . ]
For the genitive comp . वीरो न यस्य भगवान्भृगुनन्दनोपि वृत्ति St. 59 .
भिक्षासक्तु = भिक्षाया लब्धाः सक्तवः ( Ramarshi . ) The Stanza ocours at p .
317 of the Kavyasangraha . - S & rādMavikridita .
मातर्लक्ष्मि भजस्व कंचिदपरं मत्काङ्क्षिणी मा स्म भूर्
भोगेभ्यः स्पृहयालवस् तव वशे का निःस्पृहाणामसि ।
सद्यः स्यूतपलाशपत्रपुटिकापात्रे पवित्रीकृते
भिक्षासक्तुभिरेव संप्रति वयं वृत्तिं समीहामहे ॥ ३०२ ॥
302 { V } Om . in W. Y7 missing . a ) G1 M2 लक्ष्मीरम्ब ( for मातर्लक्ष्मि ) .
Ea J10 लक्ष्मी . B1D I Js M4 किंचिदपरं ; Y1 T2.3 कं चिदपरं . B2 Est Y2 -कांक्षणी ; C
-प्रार्थिनी . J च ( for स्म ) . 6 ) F2_Y1–6.8_T_G ± .5M.5 भोगेपु ; F भोगिभ्य : B [ अ ] थ
विनिर्वृता वयमहो ; C D E F½ ( m.v. as in text ) स्पृहयालवो न हि वयं ; Y1.4.6 G2-4
स्पृहयालवस्तव वशाः . G 1 के ( for का ) . E3.5 F1.25 M निस्पृहाणाम् . FY1G4.5 अपि
( for असि ) . - c ) B Jit सद्यः सूत- ; DF 4 Y 2 G + सद्यश्चत- ; J3 सत्यं मति ; T2 सत्यः स्यूत ;
Gat यद्यः स्यूत- Jit Ts - फलाश - Y2 - पात्र - ( for पत्र- ) . AB F 3.5 - पुटके ; J3 घटिका- ;
T2 -पुटका- ( for पुटिका ) . F 1 I -पत्रे - ; 12 - पात्रै : ; M + - पत्री - • Y2- 6.8 T G2 . 4.5 M - कृतैर .
* ) + A2.3 C E3 ° शक्तुभिर् ; Jit शक्तिभिर् ; Y1.6.8 T ( Tic.v. as in text ) G6 ° वस्तुभिर्
( for सक्तुभिर् ) . Y3 समीहाम ये ; M4 समीक्षामहे .
BIS . 4787 ( 2164 ) Bhartṛ . lith . ed . I. 3. 102 , II . 60. Galan 88. Schiefner and
Weber p . 24. Kavyakal . 33. Nitisamk . 85. Subhash 312. Santis . 4. 11 ( Haeb .
427 ) ; SRB . p . 370 102 ; SRK , p . 87.11 ( Bh . ) ; SS.D. 4. f . 293 .