त्रैलोक्याधिपतित्वमेव विरसं यस्मिन्महाशासने
तल्लब्ध्वासनवस्त्रमानघटने भोगे रतिं मा कृथाः ।
भोगः कोपि स एक एव परमो नित्योदितो जृम्भते
यत्स्वादाद्विरसा भवन्ति विषयास्त्रैलोक्यराज्यादयः ॥ ८० ॥
LXXX . ( a ) शासने , शोभनम् . A. ( 6 ) ० स ० ; ° श ° P. A. वस्त्र ; मस्तु .
A. ° सनवस्त्रमानघटने ; परितोष मंत्र च मनो . Bon . ( d ) विषया ; भक्त ° A. वि .
भवा , P. R. In Bo . G. N. K. T. the first line is ब्रह्मेन्द्रादिमरुद्गण
( णा . T. ) स्तृणगणान्य ( य . I. ) त्र स्थिती मन्य ( ब्ज . T. ) ते . The second is
the fourth above as in P & R. except यच्छापात् for यत्स्वादात् in Bo . G.
T. K. The third is the same as above except बोधः for भोग : in Bo .
G. T. K : & एष for एक in N. The fourth line in all is भो ( भोः
Bo . & K. ) साबो क्षणभङ्गुरे तदितरे भोगे रर्ति मा कृथाः
St. LXXX . - MAA = TCHPADÀ ( Ramarshi . ) It
means ' whose commands are great ' ; thus in one of the Upani
shads एतस्य वा अक्षरस्य गार्गि प्रशासने सूर्याचन्द्रमसौ निष्ठतः or भोपास्माद्वानः पवते
& c .; the greatness consisting in the great powers which obey
these commands . A word like should be supplied in the
first line . 12 would probably be a better reading than .
honour . constituted by- " the enjoyments consisting
in " & c . - Râmarshi renders it by . = ever existing ,
not transient like the enjoyments referred to . TCHIMMATT says
Râmarshi . Comp . St. 76. - S'árdúlavikridita .
त्रैलोक्याधिपतित्वमेव विरसं यस्मिन् महाशास
तल् लब्ध्वाशनवस्त्रमानघटने भोगे रतिं मा कृथाः ।
भोगः कोऽपि स एक एव परमो नित्योदितो जृम्भते
यत्स्वादादू विरसा भवन्ति विभवास् त्रैलोक्य राज्यादयः ॥२५४ ॥
254 { V } Found generally in N ; omitted in S ( but Sxngeri 309 V 70 )
BORI329 , Punjab 2101 , aud NS2 ; NS3 V116 ( extra ) . This is often taken
as an alternative to ब्रह्मेन्द्रादि ( 286 ) . a ) F1 पतिस्त्वमेव - J1 निरसं . J2t शासके ;
F2 शोभने ( for ' शासने ) . – 4 ) B2 तं लब्ध्वा ; Eo.5 F12 l1c 30 J1 तल्लुब्धा ; J2 तल्लुब्धो .
C नववस्तुमात्रघटने ; 5 परितोषमेपि च मनो ( for [ अ ] शन ... घटने ) . D E F2 H1 I J
[ आ ] सन - ( for [ अ ] शन ) . – ० ) I 3. + भोगै : ( for भोगः ) . F2 कायिक ( for कोऽपि स ) .
A E5 एष ; F1 एव ( for एक ) . F3 भुवने ( for परमो ) . DJ 1 नित्योदिते ; F + नित्योर्दिनो .
A0 - 2 जृंभितो ; A3 जृंभतो ; Ee उज्जृंभते . - d ) Jat यत्सादाद . Ao.8 विपणा ( for विरसा ) .
40. 3 विरसास् ; 41.2 Eo.30 10.5 विषयास ; Est at वशगासू ; Fः 12 भवतस् ( for विभवास् ) . E3
-राजादयः ; Fa Jit - राज्योदयः .
BIS . Cf. ब्रह्मेन्दादि .