Tawney

Revile, revilers! I, 'tis true, Cannot return your scorn: We give but what we know, for who E'er gave a rabbit's horn?

Telang

verse

Text (not proofread)

ददतु ददतु गालीगलिमन्तो भवन्तो

वयमपि तदभावाद्गालिदानसमर्थाः

जगति विदितमेतद्दीयते विद्यमानं

न हि शशकविषाणं कोपि कस्मै ददाति ॥ २० ॥

footnote

Text (not proofread)

XX . ( a ) ° म ° ; ° ब ° . B. ( 6 ) ● मि हि ( ह ? ) B. ° समर्थां : ; ,

० त्यस ( श ? ) ता :. B. ( d ) ददतु शशविषाणं ये महात्यागिनोपि . B.

endnote

Text (not proofread)

St. XX.- abuse . On see note to Nitis'ata

ka St. 45. - Málini .

Kosambi

verse

Text (not proofread)

ददतु ददतु गालीर्गालिवन्तो भवन्तो

वयमपि तदभावाद् गालिदानेऽप्यशक्ताः ।

जगति विदितमेतद् दीयते विद्यमानं

ददतु शशविषाणं ये महात्यागिनोऽपि ॥ २५५ ॥

footnote

Text (not proofread)

255 { V } Found in A B C D ; F1 V113 ( extra ) ; F + V29 ; FEgV28 . [ Also

BORI 326 V29 ( 28 ) ; BORI329 and Panjal ) 2101 V29 ; BORI 328 V 30 ; BU

V 34 ; Jodhpur 3 V 29 ; Punjab 697 V26 ; NS1 V34 ; NS2 V 24 ( 23 ) ] . – * ) B

ददत ददत . Aa B2 गालिर ; ; Fs गालीं . गालिमंतो . 6 ) B DF ‡ i.v . वयमिह C

s ] समर्था : ; F1.5 [ s ] प्यसक्ताः ( for s ध्यशक्ताः ) . - . ) d 4 A ददति ( for दद्रुतु ) . Aot शशि

विषाणां . A किं ( for ये ) .

BIS . 2702 ( 1102 ) Bhartr . ed . Bohl . 3. 99. IHaeb . 97. Satakāv 110 Subhāsh ,

311 ; SM 1566 ; SN . 357 ; BPS . f . 25a 155 ; SSV . 1538 .