जातः कूर्मः स एकः पृथुभुवनभरायार्पितं येन पृष्ठं
लाव्यं जन्म ध्रुवस्य भ्रमति नियमितं यत्र तेजस्विचक्रम् |
संजातव्यर्थपक्षाः परहितकरणे नोपरिष्टान्न चाधो
ब्रह्माण्डोदुम्बरान्तर्मशकवदपर जन्तवो जातनष्टाः ॥ १८ ॥
XVIII . ( a ) भरायार्पितम् ; ° मथ स्थापितम् A. ०४ म् ; ° ४ . A. ( c ) संजात
व्यर्थ : व्यर्थ संजात . A. ० क्षाः ; ० श्वा :. A. करणे नीपारेशन चामो ; करणं नो कार
ध्यन्न वार्थ . A. ( d ) नष्टाः ; निष्ठाः . A.
St. XVIII . ~~~ As to कूर्म see note on Nttis ataka St. 35. On ध्रुव
see Matsya Purana IV . 36 or better CIV . , 56 et seg . On संजानव्यर्थ
पक्षा : R. says संजाना उत्पन्नाश्च ते व्यर्था : प्रयोजनशून्याच ते संजानव्यर्थाः तैस्तुल्या ते
( sic ) तथा । अथवा संजाता : तथा विगतः अर्थपक्षोर्थ एव साध्यं येषां ते तथा .
It means “ who possess wings to no purpose . " नोपारद्वान् & c . = not
high nor low in the matter of doing good to others i . e . quite
unconnected with that work . The commentary in M. says
उभयोरपि पक्षयोरिहलोकपरलोकलक्षणयोः एकोपि न किंचित् - जाननशः = born and
dead i . e . they do not really live . R. says y नमत्र मृतमात्रा al carr इत्यर्थः :
निरर्थकावतारा इति भावः In उपरिष्ठात् and भत्र : there is also an oblique
reference to the positions of and ( as suggested by Mr.
A. V. Kâthavațe ) and perhaps also to the Ter which should
enable them to go upwards and downwards . His a
proverbial expression like कूपमण्डूक .S'árdúlavikridita . .
जातः कूर्मः स एकः पृथुभुवनभरायार्पितं येन पृष्ठं
श्लाघ्यं जन्म ध्रुवस्य भ्रमति नियमितं यत्र तेजस्विचक्रम् ।
संजातव्यर्थपक्षाः परहितकरणे नोपरिष्टान् न चाधो
ब्रह्माण्डोदुम्बरान्तर्मशकवदपरे जन्तवो जातनष्टाः ॥ २४८ ॥
248 { V , N } Om in ACE ( Eo . 2. 5 extra ) Fs W BORI 329 Punjab 2101
BU Jodhpur 1 NS1 3 Adyar XXII - B - 10 and Mysore 1642. 4 ) E2 एष :; Y7
एव : ( for एक : ) . F1 भरोत्सर्पिनं ; M1 भरायार्पितो . I कष्टं ; M1 पृष्टः . 0 ) Y1A भवति ( for
भ्रमति ) . D Y1B G # येन ( for यत्र ) . P - 0 ) F + संयाता ; It उत्पन्न ; X संजाता ( for
संजात ) . G1 M3 करणं ( for करणे ) . Yo 3 नोपरिष्ठादधो वा . Y1 ° रिष्ठान्न ; Y : ° रिष्ठान ; M4.5
' दिष्टान ( for ' रिटान्न ) . Ms. 5 पंथा :; Ms याधो . - 4 a ) J1 3 Y8 Get ब्रह्मांडौदुम्बरांतर् ( Y8
' ते ) ; X डोदुबरांते . J1 इव और ( for बदपरे ) . B2 Y1.3 प्राणिनो जातनष्टा : ( Ea निष्टाः ) ;
X प्राणिनः संचरंति .
BIS . 2377 ( 956 ) Bhartr . lith ed . 1. 3. 94 , II . 98 , III . 91. Schiefner and
Weber p . 25 ; Śp . 4154 ( Bh . ) ; SRB , p . 98 , 11 ; SBH , 1033 ; SSV 554 .