Tawney

What though we climb to Meru's peak, soar birdlike through the sky, Grow rich by trade, or till the ground, or art and science ply, Or vanquish all our earthly foes, we yield to Fate's decree, Whate'er she nills can ne'er take place, whate'er she wills must be.

Telang

verse

Text (not proofread)

मज्जत्वम्भति यातु मेरुशिखरं शत्रूजयत्वाहवे

चाणिज्यं कृषिसेवनादि सकला विद्याः कलाः शिक्षतु ।

आकाशं विपुलं प्रयातु खगवत्कृत्वा प्रयत्नं परं

नाभाव्यं भवतीह भाग्यवशतो भाग्यस्य नाशः कुतः ॥ १०१ ॥

footnote

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CI . ( a ) ° रम् ॰ ; ०३. D. ' त्रूञ्ज ; त्रु ज ° Bo . ( orig . Bo.n. ) ( 6 )

● ज्यम् ? ज्या ०. Bon . ● द्याः क ° ; ° द्याक ° T. ° ळाःशि ° ; ° ळा शि ० . P.R.

● क्षतु ° ; ° क्षितु ° . W. क्षतुम , X. ( a ) भाग्य ; क . P. R.N.

endnote

Text (not proofread)

St. CI .-- A man may do the most difficult and dangerous things

in order to do what is fated not to happen or to avoid what

is fated to happen . But he will fail . - S'árdúlavikrêḍita .

Gopinath1914

Text (not proofread)

Gopinath1896

Text (not proofread)

Kosambi

verse

Text (not proofread)

मज्जत्वम्भसि यातु मेरुशिखरं शत्रूञ जयत्वाहवे

वाणिज्यं कृषिसेवनादि सकला विद्याः कलाः शिक्षतु ।

आकाशं विपुलं प्रयातु खगवत् कृत्वा प्रयत्नं परं

नाभाव्यं भवतीह कर्मवशतो भाव्यस्य नाशः कुतः ॥४८ ॥

footnote

Text (not proofread)

48 " ) W2.8 मज्जति ( for मज्जतु ) . ACF2 मेरुशिखरे BC E1 - 8 50 F2 4 I Jit . 9

X Y1 ( printed text ) M4 शत्रु ; Y2 शूरं ; Y2.6 G2 . 3 शक्त्या ( for शत्रूञ् ) . Jit X2 जयति ;

M3 जहीतु ( for जयतु ) . - 4 ) A Ic We वाणिज्या ; Y2 वाणिजं . F + कृतसेवनादि ; W30

कृशसेवनादि ; X X G1 M कृषिसेवनं च ; Yo T सेवने च ; Y8 Y : कृषिमप्युपैतु ( for ' सेवनादि ) . J3 Ya

G1 M8 सकलं ( for सकला ) . CFI Y2 विद्याकला : ; X1 विद्याः खलाः . D सिक्षतु ; W1.3t . 2

शिक्षिताः ; Ms. 4 शिक्षितु . A विद्याः समभ्यस्यतु ; J1 विद्याकलाशिक्षितं ( com . ' तु ) . [ Gram

matically and metrically correct form fraai is nowhere found . ] - ) Ji transp .

विपुलं and खगवत् . A1 प्रयाति . Ma त्यक्त्वा ( for कृत्वां ) . W1 प्रयतो . Eo - - 2 ( and Ec ) पुनर्

Est पुमान् ; J1 परा ; W1.4 महान् ; W3 . 3t महत् ; M3 परान् ; Ms वरं ( for परं ) . ' ) Ja

नाभव्यं . C भव्यस्य ; F2 J1W4 Y1 भावस्य ( for भाव्यस्य ) . Est नाशो न तु ; J2 नाशं कुतः ;

J8 नाशः कृतः ; Yr नाशं कृतः . [ Ao . 1 धाणिज्याकृषिसेवनादिसकला is treated as a compound

word ; com . करसणसेवा प्रमुष समस्त विद्या . In E कृषिसेवमादि is a separate word . ]

BIS . 4654 ( 2085 ) Bhartr ed . Bohl . 2. 91. Haeb 57 lith ed . I. 99 , II . 101 .

Galan 95 , Satakāv . 86 ; Sp . 438 ( Bh . ) ; SRB . p . 94. 116 ; SRK . p . 72 , 20 ( Bh . ) ;

SHV . f . 63b , 79b ; SS . 46. 20 ; SSD . 4. f . 5a ; SKG . f . 18a .