Tawney

Milk to the water with it mixed its native virtues gave, Which, pitying sore its tortured friend, rushed on a flaming grave; The milk, unwilling to be left, must share its fellow's fate,— True friendship envy cannot reach, nor fiery pains abate!

Telang

verse

Text (not proofread)

क्षीरेणात्मगतोदकाय हि गुणा दत्ताः पुरा तेखिला :

क्षीरे तापमवेक्ष्य तेन पयसा ह्यात्मा कशानौ हुतः ।

गन्तुं पावकमुन्मनस्तदभवदृष्टा तु मित्रापदं

युक्तं तेन जलेन शाम्यति सतां मैत्री पुनस्वीदृशी ॥ ७५ ॥

footnote

Text (not proofread)

LXXV . ( a ) हि गुणा दन्ताः पुरा सेखिळाः ; सकळा दत्ता निआ ये गुणा : P.R.

( b ) ० रेता ० ; ० रोत्सा ० N. ह्या ० ; खा ० D. N. हु ° ; ३० W. ( c ) ● नस्त ° ;

दंत ° Be.n. ( 2 ) ० क्तम् ; ° का K. Be.n. शाम्य ० ; सम्म ०. K. Be.u. पुन

स्लो ° ; पुनस्ता ° S. X. I. गुणस्खी ° Bo.n. ( दृश : १ ) .

endnote

Text (not proofread)

St. LXXV .: = anxious , eager . The more common mean

ing is troubled with anxiety . The commentator explains

this by fd ; I think wrongly . It means ' joined to ' T : does

not make very good sense when taken with the words amongst

which it stands , although it is not quite inexplicable there . It

may be taken with or . The Stanza it need scarcely

be said gives a moral aspect to an actual physical phenomenon ..

S'árdúlavikridita

Gopinath1914

Text (not proofread)

Gopinath1896

Text (not proofread)

Kosambi

verse

Text (not proofread)

क्षीरेणात्मगतोदकाय हि गुणा दत्ताः पुरा तेऽखिलाः

क्षीरे तापमवेक्ष्य तेन पयसा खात्मा कृशानौ हुतः ।

गन्तुं पावकमुन्मनस् तद्भवद् दृष्ट्वा तु मित्रापदं

युक्तं तेन जलेन शाम्यति सतां मैत्री पुनस् त्वीदृशी ॥ २८ ॥

footnote

Text (not proofread)

28 4 ) J1 क्षीरेणात्मगतो **** ; Y9-0 G2.3.6 -गतोदके ( Y8 ° को ) ननु ( for गतोदकाय

हि ) . C T2 हि पुरा ; E2 H सकला ( for हि गुणा ) . C T2 गुणास्तेखिला : ; Ea Hit ( com . as in

text ) . 2 निजा ये गुणाः ; J1 J 1 निजास्ते निजास्ते किल किल ; ; Y2 Y2 T3 T3 G5 G5 निजास्तेखिला निजास्तेखिलाः :; ; G1 M पुरा स्खे ( Ms. 5 ये ) .

खिला :. 4 ) C F5 J1.3 X 2 Y2.6 – 8 T1 G1 . 2. 4 M1-4 क्षीरो ( M4 ' रा ) तापम ; Esb शीरं तलम् ;

Y½ क्षारे तापम् . Eat अवेत्य ; X अवीक्ष्य ; T3 अपेक्ष्य ( for अवेक्ष्य ) . BEF4.5 H HJ J W

Y2.7 G2.8M1.5 ह्यात्मा ; CI [ अ ] प्यात्मा ( for स्वात्मा ) [ Original may have been * आत्मा

( with hiatus ) after cwesura ] . Y3 हतः ( for हुतः ) . www.g ● ) CYr Gst . v . उन्मुखं ; E2.8

Y Ye : Git . v . M3 - 5 उन्मनास ; G 1 उन्मुखास ; G + उन्मुनस् ( for उन्मनस् ) . Es समभक्द् ( for

तद ) . A Eot . 1.2 Fs G2t दृष्ट्वानु ; E3 दृष्ट्वात्म ; I 1 दृष्ट्वा स्व ( for दृष्ट्वा तु ) . d ) Xx मुर्ख ;

Ms यतं ( for युक्तं ) . X Y 1 तच्च ( for तेन ) . Ja ताम्यति ( for शाम्यति ) . B1 पुनर ; Ba

पयो ; Ec तमां ( for सतां ) . ACE2 W पुनस्तादृशी ; B B सतामीहशी ; D पुनस्स्वदशी ;

Fs Yo G2 . 3 गुणस्त्वीदृशः ; J1 * * * दृशी ; X Y 3 गुणास्त्वीदृशः ; Ya G1.4 M3 गुणास्त्वीदृशाः ;

Y4 पुनस्त्वीदृशः ; G5 पुरा त्वीदृशी ; M2 गुणस्त्वीदृशी .

BIS . 2026 ( 790 ) Bhartr . ed . Bobl . 2.67 . Haeb . 31. lith ed . I. 74 , II and

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