रे रे चातक सावधानमनसा मित्र क्षणं श्रूयता
मम्भोदा बहवो हि सन्ति गगने सर्वेपि नैतादृशाः ।
केचिहृष्टिभिरार्द्रयन्ति वसुधां गर्जन्ति केचिदृथा
यं यं पश्यति तस्य तस्य पुरतो मा ब्रूहि दीनं वचः ॥ ५१ ॥
4 · LI . ( a ) ° त्र ; ° त्रम् D. ( 6 ) हि ; ° पि S. W. T , ° ता ° ; ° का ° . X. ( ७ )
कोच ; ऐके वृ ° S. X. वसुभ्राम् ; धरणीम् S. के चिथा ; एके मृषा S. X.
St. LI . - gara : = : ( commentary . ) It seems from this
that the commentator had before him the reading : " all
are not alike . " The reading at : may perhaps be interpreted
to mean such as deserve to be addressed the t * : which the
châtaka must be supposed to be uttering when this is spoken .
But this is rather far - fetched . - S'árdúlavikridita .