Kosambi

verse

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नो चिन्तामणयो न कल्पतरवो नाष्टौ महासिद्धयस्

तावद् देहवशा : परोपकृतये नास्माभिरप्यर्जिताः ।

नेदं मज्जति मानसं च चपलं ब्रह्मामृताम्भोनिधौ

धिग् धिक् कर्मकुटीमिमां तदपि न त्यक्तुं वयं शक्नुमः ॥ २६६ ॥

footnote

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266 { V } Found in A D E3 ( V extra 5 ) ; E ( V114 = 113 , extra ) ; F1.2

( V113 ) ; BVB5 V 175 ( extra ) . [ Also BORL329 and Punjab 2101 V96 ; Gvs

2387 V 111 ; BORI 328 VI25 ( 128 ) ; RASB G7747 V 110 ( 113 ) ; Punjab 697

V118 ] . com a ) F 1.2 नोष्टी ( for नाटो ) . – 1 ) 1 ) 112 वशात् . 1 ) E3 4 1.2 कृतयो ( for

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कूर्मकुटीम् . D त्यक्तं न शक्ता वयं .

SR.B. p . 214. 75 .