Gopinath1914

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Gopinath1896

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Kosambi

verse

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उरसि निपतितानां स्रस्तधम्मिल्लकानां

मुकुलितनयनानां किंचिदुन्मीलितानाम् ।

उपरिसुरतखेदखिन्नगण्डस्थलीनाम्

अधरमधु वधूनां भाग्यवन्तः पिबन्ति ॥ १२३ ॥

footnote

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123 4 a ) ) A3 B C C D E F 2 2.3.6 3 6 H1c I J X उपरि ( for उरसि ) . D त्रस्त ; Eo . 1. 8. 4

F4 H I J 1 श्रस्त - ( for स्रस्त ) . - 8 ) A2 B1 उन्मीलतानां . ● ) A3 B E3c . 6 F1.25 H I

W X सुरतजनित ; C सुरतसमर ( for उपरिसुरत ) . B2 Fat.v. खेदस्निग्ध ; CY4

- खेदस्वेद- ; D Eo . 2.5 X - खेदखिन्न ; E1.4 खेदा ( E1 ° दात् ) खिन्न ; Est खेदाक्लिन्न- ; W

-खेदस्वाई ; Yr -भेदास्विन्न ; G1 वेगस्विन- ; Gs - खिन्नस्वेद- ; Ms -तांतस्विन्न ( for खेदस्विन्न- ) .

B Eo . 1.4t . 5 I -गल्ल- ( for - गण्ड- ) . A3 B2 E3 H Y + TG5 -स्थलानाम् . a ) D H2 It

X 2 ( orig . ) मधुरमधु ( for अधरमधु ) . Ao - 2 B E0 - 2.40 5 F1 I J2 पुण्यवंतः ; Jat भार्यवंत :

( for भाग्यवन्तः ) .

BIS . 1315 ( 492 ) Bhartr . ed . Bohl . 1. 26. lith ed . II . and Satakāv . 65 .

Prasañgābh . 8 ; SBH . 2137 ; SK 5 106 ; SU . 713 ; SLP . 3. 28 .