गर्भावासे शयित्वा कलिमलनिलये पूतिमध्ये जघन्ये
स्त्री कुक्षौ पीडिताङ्गः कथमपि विवरान् निर्गतः क्लेदलिप्तः ।
भूयस् तत्रैव रागप्रकृतिरिह नरो मन्दबुद्धिदुरात्मा
सोऽयं संसारचक्रे भ्रमति शठमतिर्लोकमध्ये यथान्धः ॥ २४१ ॥
241 { V } Found in A ] ) E3 ( extra ) + ( extra ) 11.2 SVP159 V ( extra
15 ) ; Punjab 2101 V100 [ Also BORM 328 V140 ( 33 ) ; ; BORI 329 V100 ; RASB
G 7747 ( extra ) ; Punjab 697 V120 ; NS2 V88 ( 87 ) , 102 ( 100 ) ] . a )
1 ) वसित्वा ( for शयित्वा ) . F1 किल मल- ; 2 विमल- ; SVP159 . Punjab2101
किममल- ( for कलिमल- ) . 1 : तमध्ये जघन्यै .. " ) 12 पिंडितांग .. 1 ) क्लेशलिप्तः .
E3.1 रागः ( for राग . ) . 112 - प्रकृतिहिनरो . ( ) 1 ) E3 शवमये ; 11.2 SVP159 .
Punjab 2101 शठमये .