इह हि मधुरगीतं रूपमेतद् रसोऽयं
स्फुरति परिमलोऽसौ स्पर्श एष स्तनानाम् ।
इति हतपरमार्थैरिन्द्रियैर्भ्राम्यमाणः
स्वहितकरणधूर्तैः पञ्चभिर्वञ्चितोऽस्मि || १०२ ॥
102 x ) Y₁.2 इह तु ; Gat इह ह ; M3 इति हि . B F3-5 H J2c W Y3 T3 नृत्यम् ;
J1 . 2t_Y2 , 4–8 T1 . 2 GM नृत्तम् ( for रूपम् ) . भ्रमो ( for रसो ) . Ja यः ( for s यं ) . 8 )
D स्फुटनि ; J2 स्फुरित ( for स्फुरति ) . A Eat I Y3 G + परिमलोयं ; Est परमलोयं ; G1
परिमलोध . ka ● ) B C D Est F1 . 24m.v. It Ji S इति हत- ( Y3 इति वद ; Y7 अधिगत - )
( for इति हृत ) . F० भ्राम्यमानः ; M + भ्राम्यमाणैः . 2 ) W ह्य ( W1 अ ) हित- ; Yac.v. 2 G2.3
त्वहित - ( for स्वहित - ) . F3 G + - भूतैः ; Fs W -दक्षै :; J1 -वृत्तैः ; Jat दूतैः ; Jav -दूरै : ( for
-धूर्तै : ) . A2 B1 E Fs I W1-3 X [ s ] सि ; J1 [ s ] स्मिन् ; W + [ s ] पि ( for s स्मि ) .
BIS . 1147 ( 434 ) Bhartr ed . Bohl . 1. 87. Haeb . 90 lith ed . II . 40 ; SLP . 4 .
44 ( Bh . ) .