मधुरयं मधुरैरपि कोकिलाकलकलैर्मलयस्य च वायुभिः ।
विरहिणः प्रणिहन्ति शरीरिणो विपदि हन्त सुधापि विषायते ॥१११ ॥
111 Punjab 2101 , V extra 4 . a ) J10 समधुरं ; Jit मधुरं मधुरं ; ; Ms मधुरयन् ( for
-कलरवैर कोकिला ' रयं ) . D ; ; M M4.5 मधुरैरति- + अभिनवैर् मधुरयं ; G1 मधुरैः ( for- M3 पिककूजितैः कलकलैर् कोकिला ) : . . ( — for Y14 ) 1 कोकिला D मधुरस्य F2 - J च ) . X2t ; X Gat सुमधुरं Y1.6.8 मधुरैरपि मधुरं T ; G1 Gst च . 2 ( , 30 मलयैरपि X , 2 4.5 ° रेपि M1-35 ; च G ) +
मलयोत्थित- ( for मलयस्य च ) . F + मारुतैः ( for वायुभिः ) . ● ) Eo . 1. 20. 40.5 विरहितान् ;
It Y2 G2 - 1 विरहिणां ; Wo विहारिण : ( for विरहिण : ) . C विनिहंति ; D Y1.3.6 G + M3 - 5
प्रहिणोति ; F3 प्रणिहिताः ; J1 प्रहिणंति ; J2 प्रहिनस्ति ; W1.20 . 30. 4 प्रणहंति ; Wat . st प्रणयंति ;
Y2 . 4. 5. 7. 8 T G1–8.5 M1 . 2 प्रहिणस्ति ( for प्रणिहन्ति ) . F5 W2t 3 4 Y2.45 G1.20.34 M1–8
शरीरिणां ; G2t शरीरिणीं . à ) E2t It W X Y 3 हंति ( for हन्त ) . Jit सुधामपि ; Y3
सुखं हि ( for सुधापि ) .
BIS . 4680 ( 2099 ) Bhartṛ . ed . Bohl , and lith , ed . III . 1. 3. Haeb . 36. lith ed .
II . 51 ; SLP . 4. 93 ( Bh . ) .